मनुजता … Let’s fight with together

अब तो मनुजता निभाना होगा
खुद को औरों को बचाना होगा ।।

मनुजता ऐसे निभाते हैं हम
जरुरतों में हाँथ खींच जाते है हम
छोटी बड़ी चीजों का रख कर ध्यान
और जरुरतों में दाम बढ़ाते है हम ।।

सलाम है नमस्कार है दंडवत प्रणाम है
वो जो खड़े है दीवार की तरह महामारी में
हम सलामत बैठे है अपने अपने घरों में
…और वो जो लड़ रहे है
तेरे मेरे वतन की ख़ातिर अस्पतालों में ।।

कभी चुम कर कभी गले मिला करते थे
अब हाँथ जोड़ अभिवादन किया करते है ।।

खुद को औरों को ये समझाना है
सुरक्षा ही बचाव है ये जताना है ।।

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