होली है …

भंग में डूबा मेरा भोले बाबा
रंग में डूबे देखो कान्हा राधा
मेरा भोला नाचे भूतों के संग
कान्हा फिरे रे टोलियों के संग
देखो आई है फागुन की फुहार
संग ले के उमंग की बहार
मेरा भोला नंदी भृंगी प्रेतों के संग
राधे रानी फिरे गोपियों के संग
कान्हा पीछे भागे ले के पिचकार
ले के पिचकारियों की मार ।।
जोगी जी सा रा रा रा रा … रा …होली है….
….होली की हार्दिक शुभकामनाएं

दर तेरे …

अब जो होगा सो होगा हम है दर तेरे
गुज़ारिश इल्तिजा हर तमन्ना है दर तेरे ।।

तू पूरी कर न कर हैं मर्ज़ी तेरी
हम भी छोड़ने वाले है कहाँ दर तेरे ।।

हम भी दीवाने है तेरी ही जहान के
तू प्यार दे या दे नफ़रत है दर तेरे ।।

मुझसे ही रंगना तुम अबकी होली में
वरना बेरंग ही रहेंगे हम ताउम्र दर तेरे ।।

तेरा रंग …

यूँ तो रंग कई है जिसमें डूब जाऊँ
पर एक तेरा रंग है जो उतार न पाऊँ ।।

ऐसे कई खुमारी चढ़ी और उतर गई
पर क्यों तेरे गली को भूल न पाऊँ ।।

बेस्वाद सा हो जाता है यूँ जिंदगानी
जब तलक तेरी कसमें न खाऊँ ।।

यूँ तो और भी है काम यज्ञ जिंदगी में
दिल को भाये तेरी नौकरी बजाऊँ ।।