यज्ञ की बात …

सुन लो ”यज्ञ” की बात…

फ़िक्र तो दूर मैं ज़िक्र नहीं करता
जो देश के नहीं साथ है ।।

मैं कायल हूँ उनका जो…
हर हालात में देश के साथ है ।।

जीवन….

जिंदगी में हमने कई पड़ाव देखा
पर… सुख दुख को पल पल साथ देखा ।।

जिंदगी की सारी कड़ियाँ को पिरो कर देखा
महकते फूल कुछ चुभते शूल अपने दमन में देखा ।।

जिंदगी में रिश्तों के प्यार रिश्तों के जाल देखा
मीठे कुछ कडुवे शब्द रिश्तों में हमने आते जाते देखा ।।

जिंदगी के तलब जिंदगी के तलबगार देखा
रंगीन को रंगहीन करते जिंदगी को जफा करते देख ।।

ग़ज़ल… / Gazal

अभी तुमने मेरा हुनर कहाँ जाना है
अभी तुमने आग का जलन कहाँ जाना है ।।

दिल भी भेद जाये शरीर भी
मेरे शब्द के तीर को अभी कहाँ जाना है ।।

बदलते दौर को तूने भी मैन भी देखा है
हर जख़्म का मलहम वक़्त को ही जाना है ।।

तुझमें और मुझमें कोई फर्क नहीं… फिर भी
तूने न मैंने तेरे ग़म मेरे खुशी को कहाँ जाना है ।।

पहचान

house-sketch

तुम्हारे आने से मकान घर हो जाता है
शायद वो तुम्हारी महक अब भी पहचानती है ||

तुम्हारे आते ही बिखरा मकान सिमट जाता है
शायद मेरे हर सामग्री तुम्हे पहचानती है ||