Month: April 2019
#17 शायरी … Shayari / Shair
मतदान कर …
छुट्टी मना कर
राष्ट्र को दुर्बल नहीं करना है
ये वो लोकतंत्र का पर्व है
जहाँ अपना कर्तव्य पूरा करना है
झोक दो आने स्वार्थ लोभ
वेदी की अग्नि में
किसी और से नहीं
अपने आप से ही लड़ना है ।।
क्यों टूट रहा क्यों बिखर रहा
अपने ही हाँथ राष्ट्र को बेच रहा
चंद रुपयों के लिए
अपना ईमान बेच रहा
खरीदार ऐसे वही होते है
जो विश्वास के क़ाबिल नहीं होते है
ना कर तू नादानी ना करने दे उसे मनमानी
राष्ट्र को ऐसे न शर्मशार कर
छुट्टी मना औरों को ऐसे न गुमराह कर
“यज्ञ” तू अपना कर्म कर कर्तव्य कर
राष्ट्र के हित में अपना मतदान कर ।।
सवाल है जिंदगी…
हमसफ़र जिंदगी
मंज़िल की तलाश जिंदगी
ग़म में डूबा है… पहेली सा उलझा है
खुशियों को तलाशती जिंदगी ।।
पल पल उम्र बढ़ाती जिंदगी
पल पल है घटती जिंदगी
है इस छोर से उस छोर को जान
राहों में देखें है बदलते कई हमसफ़र जिंदगी ।।
कई गुमान रखा है ये मिट्टी की जिंदगी
फ़ना हो जाती है की है ये मिट्टी की जिंदगी
तेरा मेरा बस याद रह जाएगी
दो दिनों में भूल जाएगें ये मिट्टी की जिंदगी ।।
जीने की वजह तलाश कर ये जिंदगी
रक़ीबों हबीबों में उलझा जिंदगी
जवाब ढूंढ रहे है… कि
कई सवाल है जिंदगी ।।
मेरा दिल बता…
मेरा दिल बता
तू किसे चुनेगा
किसी पार्टी को
या फिर व्यक्तित्व को
मेरा दिल बता
तू देश के लिए जीयेगा
या फिर अपने स्वार्थ को ।1।
कोई बड़ा हो कर
छोटा आदमी बन रहा
कोई अपने ही
शौर्य को खंडन कर रहा
कोई देश का
टुकड़ों की बात कर रहा
कोई विकास कोई कर्ज
की बात कर रहा
पर…
हम तुम क्या कर रहे है
उन सभी के कृत्यों को
बढ़ावा दे रहे है ।2।
#16 शायरी Shayari / Shair
#15 शायरी … Shayari / Shair
#14 शायरी Shayari / Shair
भुला करेंगे …
फैला कर अराजकता अब न्याय करेंगे
दबा कर कर्ज में अब माफ करेंगे
भूल चुके थे जो अपने देश को
अब वो हिंदुस्तान की बात करेंगे
हर मुमकिन कोशिश करेंगे
दावे और विकास की बात करेंगे
घर घर संपन्नता रोजगार की बात करेंगे
तेरा मेरा समर्थन पाने को
हर संभव लुभावने बातें करेंगे
अगर नहीं पाया समर्थन तो बाज़ार खोल
तुझे मुझे खरीदने के हर चाल चलेंगे
कुछ तेरे घर चाय नास्ता
कुछ मेरे घर रोटी तोड़ेंगे
अपने भविष्य संवारने के लिए
भूत पे पर्दा डालने के कोशिश करेंगे
संभल कर ऐसे लोगों से
हार जीत के बाद वो हमें भूला करेंगे
देश का विकास हिंदुस्तान को भुला करेंगे ।।