
क्या खबर है …?
खबर ये है कि
वतन जल रहा है
लोग अपने ही मतलब से
अपने ही मतलब का
कर रहें है
कहीं अंगारे है
कहीं पत्थर
उछाल रहें है
लोग वतन के लिए नहीं
बस …
अपने मतलब के लिए
कर रहे है
सड़के चौराहे बंद कर
न जाने वो किसके
हक के लिए लड़ रहें है
समझ नहीं आ रहा है
जोड़ने या तोड़ने के लिए
ये ज़ोर लगा रहें है ।।