हमारे पास जो कुछ है
उसी में जी कर देखतें है
मज़िल मिल ही जाएगी
रास्ते बदल कर देखतें है ।।
जिंदगी यूँ भी हसीन है यज्ञ
दिल की चाहतें कब कम हुई
अब चाहतों के दरिया से
बाहर निकल कर देखतें है ।।
दौड़ता भागता ही रहा तू
ज़माने के कई धोखे के पीछे
मन को कठोर कर यज्ञ तू
अपने मन को थाम कर देख
अब सच के लिए थम कर देखतें हैं ।।