मनुजता … Let’s fight with together

अब तो मनुजता निभाना होगा
खुद को औरों को बचाना होगा ।।

मनुजता ऐसे निभाते हैं हम
जरुरतों में हाँथ खींच जाते है हम
छोटी बड़ी चीजों का रख कर ध्यान
और जरुरतों में दाम बढ़ाते है हम ।।

सलाम है नमस्कार है दंडवत प्रणाम है
वो जो खड़े है दीवार की तरह महामारी में
हम सलामत बैठे है अपने अपने घरों में
…और वो जो लड़ रहे है
तेरे मेरे वतन की ख़ातिर अस्पतालों में ।।

कभी चुम कर कभी गले मिला करते थे
अब हाँथ जोड़ अभिवादन किया करते है ।।

खुद को औरों को ये समझाना है
सुरक्षा ही बचाव है ये जताना है ।।

सीख

bharatmata

कर्ज़ बहोत है ‘यज्ञ’ तुझ पर मातृभूमि के लिए जीना सीख ।।

कुछ तो कर्म कर ‘यज्ञ’ स्वार्थ छोड़ कर इंसान है तो इंसानियत तो सीख ।।

हिंद का गुणगान

EediHvoa

             ।। गलती माफ़ ।।

जुबां से ही नहीं हिंद का गुणगान करो
तन मन से भी हिंद का बखान करो ।।

सुख सुविधायें मिल गई है आज बहोत
पर… जनता से सुुुकून की बात न करो ।।

मेरा मोहब्बत भी कुछ तो अधूरा है
देश के लिए त्याग और बलिदान की बात न करो ।।

कब तक आज़ादी की सहादत को
एक खजाने की भंजाओगे लुटवाओगे
कुछ तो वीर शहीदों का लिहाज करो ।।

#यज्ञ …