क्या बदला है और क्या बदल जाएगा
देखते है ये सिरमौर क्या बना पाएगा ।।
सुर्खियाँ बटोरेगा क्या कुछ काम होगा
या फिर ये अखबारों में बस रह जाएगा ।।
एक धर्म कई पंत में बट गये है आज
ये जरूरत के मुताबिक हमें तोड़े जाएगा ।।
ये वबा किसी धर्म वर्ग पंत को पहचाने न
सिरमौर मेरे कर्म कर नहीं तो देर हो जाएगा ।।
कुछ सीख यज्ञ कैसे लड़ना है एक हो कर
नहीं लड़ा तो तेरा ये अस्तित्व मिट जाएगा ।।
