बहक बहक जाती है

जब कभी तेरी याद आती है
दिल बहक बहक जाती है ।।

धड़कता है दिल मेरा जब भी
मेरी साँसों से तेरी महक आती है ।।

ये भी अदा ए इश्क़ है यारों
वो रुठ कर फिर मान जाती है ।।

ज़माने को और कुछ काम नहीं
मेरा नाम तेरे संग जोड़ जाती है ।।

हर जुबान पे मेरा ही नाम है क्यों
ऐसे ही ज़माना दीवानों को सताती है ।।

यक़ीन की बात

खामोश हो कर की थी उसने सारी बात
मग़र दिल न समझ सका वो जज्बात ।।

खुशियाँ और ग़म को पढ़ना न सीखा
अब सबक में रह गई फ़क़्त अंको की बात ।।

तौलता रहा कम कभी ज्यादा पल पल
जब रिश्तों में नहीं था यकीन की बात ।।

दिल का हाल …

दिल का हाल किसी को ना बतलाना
वरना तरस खा के लोग धोखा दे जाएंगे ।1।

इश्क़ में मैं डूबा हूँ टूटा हूँ …तो क्या
मग़र ये जान लो हम धोखा न दे पाएंगे ।2।

फ़ना एक दिन तुझे मुझे सब को होना है
आज मर के हम मोहब्बत को अमर कर जाएंगे ।3।

बहोत दूर तक फैली है नफ़रत की आग
इसमें ख़ाक हो कर हम मोहब्बत फैलाएंगे ।4।

जरुरी है …

वफ़ा-ए-ख़ता में ये होना जरुरी है
इश्क़ में ज़माने से लड़ना जरुरी है ।1।

अब काटने को ज़िन्दगी
तेरे दर्दे-ग़म का होना जरुरी है ।2।

मेरे नम आँखों को भुला कर
तुझे खुश रहना जरुरी है ।3।

तुझे आ जाये चैन से नींद
मुझे रातों को जगना जरुरी है ।4।

ज़ख्म …

जख़्म की बात ना कर ‘यज्ञ’
हमने भी सच बोल देखें है ।।

आग की फितरत है
हमने भी चल देखें है ।।

भटक जाओगे तुम राह
ऐसे हमने हुस्न देखें है ।।

पर… संभल कर यारों
उन गलियों पे हमने काँटे देखें है ।।

वो डूबने की बात करते है
हम डूब कर इश्क़ को देखें है ।।

रोना पड़ा …

जब अनचाही खुशी
मेरे द्वार आ पड़ा
तब… रोना पड़ा ।।

धधकते ख़्वाब
जब सीने में दफन हुए
तब… रोना पड़ा ।।

झुठ महक रही थी फैल रही थी
काँटों सा सच चुभने लगा
तब… रोना पड़ा ।।

हिंद एक है …

कल हम बिखरे बिखरे थे
आज हम एक है
इन दहशतगर्दों के खिलाफ
आवाज एक है
तू ठहर ज़रा
वक़्त लगेगा
तू इंतजार कर
तुझे भी मिलेगा
नासुरे-जख़्म
आज हिन्द की
ख़्याल एक है
सवाल एक है
वार एक है
दर्द एक है
आवाम एक है
ये देश एक है
हिन्द एक है ।। # जय हिंद #