जबाँ को कुछ खामोश ही रहने दो
नज़रो को कुछ बयाँ ही करने दो ।1।
बेवजह जमाने को क्यों खबर हो
दिल बात दिल में ही रहने दो ।2।
यक़ीन बुलंद कर अपना
लोगो को झुठ फैलाने दो ।3।
फासले लाख सही दरमियाँ
शक का काँटा ना चुभने दो ।4।
रंज लाख सही रिस्तों में यज्ञ
उसे दिल में जहर ना भरने दो ।5।