खामोश ही रहने दो …

जबाँ को कुछ खामोश ही रहने दो
नज़रो को कुछ बयाँ ही करने दो ।1।

बेवजह जमाने को क्यों खबर हो
दिल बात दिल में ही रहने दो ।2।

यक़ीन बुलंद कर अपना
लोगो को झुठ फैलाने दो ।3।

फासले लाख सही दरमियाँ
शक का काँटा ना चुभने दो ।4।

रंज लाख सही रिस्तों में यज्ञ
उसे दिल में जहर ना भरने दो ।5।

निशां … / अस्तित्व… / Existence…

ashes_stock_6_by_birdsistersstockअब गुज़ारिश है ये जो खाक बची है मेरे फ़ना होने के बाद
फूँक मार, हवा में मिला, ये भी निशां मिटा दो, मेरा जाने के बाद ||

मौजूदगी मेरा तुम्हे खलल डालती है… तो
हमें कबुल है , ये भी निशां मिटा दो, मेरा जाने के बाद || #यज्ञ

कभी थम भी जाया करो …

कभी मेरे मुताबिक भी चल लिया करो
तुम वक़्त तो नहीं कभी थम भी जाया करो ।।

पर्दा अपने दीवानों से जरुरी तो नहीं
कभी हया भूल भी जाया करो ।।

मालूम है तुम सच की मूरत हो
कभी कभी झूठी कसमें भी खाया करो ।।

तकदीर बदल दी है तुमने कई
मेरी गलियों में भी आया जाया करो ।।

इल्जाम है कई सर मेरे ग़म न कर
तंज से तुम भी उंगली उठाया करो ।।

तेरे जाने के बाद …

क्या बदल गया
तेरे जाने के बाद
वक़्त बे’वक़्त हाँथों में जाम
और कुछ मेरे चेहरे के बाल ।।

हाँथ से जाम छूटता नहीं
तेरा नशा उतरता नहीं, तेरे जाने के बाद ।।

ये वहम आज भी है
तुझे भूल जाएंगे हम, तेरे जाने के बाद ।।

कमरे कुछ बिखरी है, कुछ कपड़े मैले है
भूख अब नहीं लगती, तेरे जाने के बाद ।।

सुबह अब होती नहीं
दफ्तर का समय बिगड़ा, तेरे जाने के बाद ।।

शाम का इंतजार नहीं
अब रात सोती नहीं, तेरे जाने के बाद ।।

संभल… , संभल… ज़रा

मिज़ाज चेहरा घड़ी घड़ी क्यों बदल रहा
संभल ज़मीर तेरा, कहीं बदल न जाये ।1।

यज्ञ क्यों ये, हर्फ़ हर्फ़ झूठ तेरा
संभल सच तेरा, कहीं झूठ बन न जाये |2|

तेरी फरियाद भी कुबूल होगी
संभल दर्द तेरा, कहीं आह बन न जाये |3|

मुक्क़दर पे यकीं है तो, सब्र रख
संभल जल्दबाज़ी तेरा, कहीं पीछे… कुछ, छूट न जाये |4|

रेखाँयें तो बनती बिगड़ती है
संभल शौक तेरा, कहीं चाल बदल न जाये |5|

जीवन….

जिंदगी में हमने कई पड़ाव देखा
पर… सुख दुख को पल पल साथ देखा ।।

जिंदगी की सारी कड़ियाँ को पिरो कर देखा
महकते फूल कुछ चुभते शूल अपने दमन में देखा ।।

जिंदगी में रिश्तों के प्यार रिश्तों के जाल देखा
मीठे कुछ कडुवे शब्द रिश्तों में हमने आते जाते देखा ।।

जिंदगी के तलब जिंदगी के तलबगार देखा
रंगीन को रंगहीन करते जिंदगी को जफा करते देख ।।

ग़ज़ल… / Gazal

अभी तुमने मेरा हुनर कहाँ जाना है
अभी तुमने आग का जलन कहाँ जाना है ।।

दिल भी भेद जाये शरीर भी
मेरे शब्द के तीर को अभी कहाँ जाना है ।।

बदलते दौर को तूने भी मैन भी देखा है
हर जख़्म का मलहम वक़्त को ही जाना है ।।

तुझमें और मुझमें कोई फर्क नहीं… फिर भी
तूने न मैंने तेरे ग़म मेरे खुशी को कहाँ जाना है ।।

आशा … उम्मीद… hope ….

शायद ये उन्हें लगे या न लगे
मेरे प्यार का रंग चढ़े या न चढ़े
मैं तो प्रेम हूँ एक दिन जीत जाऊँगा
दुनियाँ से दिल जीते या न जीते ।।