कवि वाक्य बुने
शब्द शब्द जोड़कर…
चादर बुने बुनकर
ताग ताग जोड़कर…
नारी जीवन बुने
जैसे हो कोई बुनकर…
श्वास श्वास बुने
अपने रक्त मांस जोड़कर…
माँ तूने है बुने
माँ तूने है मुझे बुना… अपनी वेदना को पी कर ।।
माँ, तुम से, मैं हूँ
माँ है तो , मैं हूँ ।।
कवि वाक्य बुने
शब्द शब्द जोड़कर…
चादर बुने बुनकर
ताग ताग जोड़कर…
नारी जीवन बुने
जैसे हो कोई बुनकर…
श्वास श्वास बुने
अपने रक्त मांस जोड़कर…
माँ तूने है बुने
माँ तूने है मुझे बुना… अपनी वेदना को पी कर ।।
माँ, तुम से, मैं हूँ
माँ है तो , मैं हूँ ।।
hindi poems, Stories
Layers Of Life
only talk on love for humanity
मैं रहूँ ना रहूँ मेरे अल्फ़ाज़ जाविदां हैं, कल मिलू ना मिलू यह अंदाज़ अलहदा है...
Imthestory
A daily selection of the best content published on WordPress, collected for you by humans who love to read.
💓💓
LikeLiked by 1 person